HUBAHU थिम्पू। प्रधानमंत्री के तौर पर पहली विदेश यात्रा पर भूटान पहुंचे नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि तरक्की के लिए दोनों देशों का और ज्यादा करीब आना बेहद जरूरी है। मोदी ने कहा, 'दोनों देशों ने दिल के दरवाजे खोले हैं। भारत जितना सशक्त होगा, उसका पूरा फायदा भूटान को मिलेगा। ' मोदी ने अपने शपथग्रहण में भूटान के पीएम के शामिल होने के लिए भी धन्यवाद दिया। हालांकि, भाषण की शुरुआत में मोदी की जुबान फिसल गई। उन्होंने भूटान के शाही परिवार की तारीफ करते हुए नेपाल का नाम ले लिया। मोदी ने कहा, 'मैं सबसे पहले नेपाल...भूटान के शाही परिवार को सलाम करना चाहूंगा जिन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के अधिकारों की रक्षा की है...'
उन्होंने भूटान के शाही परिवार की तारीफ करते हुए नेपाल का नाम ले लिया। मोदी ने कहा, 'मैं सबसे पहले नेपाल...भूटान के शाही परिवार को सलाम करना चाहूंगा जिन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के अधिकारों की रक्षा की है...'
हिमालय की दी मिसाल
मोदी ने अपने भाषण में पर्यावरण और हिमालय का जिक्र करते हुए कहा, 'हिमालय भूटान को भारत से जोड़ता है। जल्द ही हिमालय के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की योजना है। इसकी मदद से दोनों देश पर्यावरण की मजबूती के लिए काम करेंगे।'
भूटान के लोकतंत्र की तारीफ
भारत में हुए चुनाव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि लोगों ने गुड गर्वनेंस को वोट दिया, जिससे उन्हें पूर्ण बहुमत से सरकार चलाने का अवसर मिला। मोदी के मुताबिक, यह देश में गहरी लोकतंत्र की वजह से ही संभव हो सका। उन्होंने भूटान को भी लोकतंत्र को बेहतर उदाहरण बताया।
मदद का आश्वासन
मोदी ने भूटान में ई लाइब्रेरी का नेटवर्क बनाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के विकास के लिए ई लाइब्रेरी बेहद जरूरी है। पर्यटन पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि हमें आतंकवाद बांटता है जबकि पर्यटन जोड़ता है।
फोटो: भूटान की संसद को संबोधित करते नरेंद्र मोदी
उन्होंने भूटान के शाही परिवार की तारीफ करते हुए नेपाल का नाम ले लिया। मोदी ने कहा, 'मैं सबसे पहले नेपाल...भूटान के शाही परिवार को सलाम करना चाहूंगा जिन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के अधिकारों की रक्षा की है...'